कोटेश्वर राव का मुठभेड़ फर्जी, माओवादियों का बंगाल बंद
कोटेश्वर राव का मुठभेड़ फर्जी, माओवादियों का बंगाल बंद
कोलकाता. 25 नवंबर 2011
भाकपा माओवादी की सेंट्रल कमेटी के नेता मल्लोजुला कोटेश्वर राव ऊर्फ किशन की
मुठभेड़ पर सवाल खड़े करते हुये माओवादियों ने दो दिन का बंगाल बंद का आह्वान किया
है. उधर माओवादी कवि वरवरा राव ने कहा है कि कोटेश्वर राव को पुलिस ने एक दिन पहले
ही गिरफ्तार किया था और पुलिस हिरासत में रखने के बाद गुरुवार को उनकी हत्या कर दी
गई. वरवरा राव के अलावा सीपीआई के नेता गुरदास दास गुप्ता ने भी किशन को फर्जी
मुठभेड़ में मारे जाने का आरोप लगाया है.
गौरतलब है कि बंगाल सरकार ने गुरुवार को अलग-अलग राज्यों में प्रह्लाद, मुरली,
रामजी, जयंत, श्रीधर के नाम से मशहूर माओवादी नेता मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ
किशनजी को एक मुठभेड़ में मारने का दावा किया था. केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह के
ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिलांतर्गत बुरीशोल के जंगलों में
स्थित कुशबोनी गाँव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कोटेश्वर राव मारे गये
हैं.
शुक्रवार को माओवादी प्रदेश समिति के सचिव और प्रवक्ता आकाश ने दावा किया है कि
किशनजी को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया। इसके विरोध में माओवादी 26 नवंबर से दो दिन
का राज्यव्यापी बंद और सप्ताह भर तक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इधर कोटेश्वर राव का शव लेने के लिये उनकी भतीजी दीपा के साथ कोलकाता पहुंचे
माओवादी समर्थक मशहूर तेलुगु कवि वरवरा राव ने आरोप लगाया है कि कोटेश्वर राव को
बुधवार को ही सुरक्षाबल ने पकड़ा था और बाद में पुलिस यातना के बाद गुरुवार को उनकी
हत्या करके फर्जी मुठभेड़ की कहानी गढ़ दी. उन्होंने पूरे मामले की जांच के अलावा
मांग की कि प्रशासन को किशनजी का शव संरक्षित रखना चाहिए, इसे कोलकाता लाया जाना
चाहिए, ताकि दीपा उसकी पहचान कर सके और पोस्टमार्टम कोलकाता में किया जाना चाहिए.
कोटेश्वर राव की मौत पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद गुरदास दासगुप्ता ने भी
पुलिस-प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा किया है. सांसद गुरदास दासगुप्ता ने
गृहमंत्री पी चिदंबरम को पत्र लिख कर कहा है कि किशनजी के मुठभेड़ की कहानी फर्जी
दिखाई पड़ती है, इसकी जांच की जरूरत है और सरकार को निश्चित रूप से सफाई देनी
चाहिए.
गुरदास दासगुप्ता के अनुसार उन्हें एक सूत्र से जानकारी मिली थी कि किशनजी को
गुरुवार दोपहर गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद सोच समझकर उसकी हत्या कर दी गई.
उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि अगर मेरी सूचना सही है तो यह कायराना अपराध है और
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.