अब फेसबुक, ट्वीटर पर सरकारी सेंसर
अब फेसबुक, ट्वीटर पर सरकारी सेंसर
नई दिल्ली. 6 दिसंबर 2011
लोगों की स्वतंत्रता को अपने तरीके से नियंत्रित करने की कोशिश में लगी केंद्र
सरकार अब आने वाले दिनों में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू पर भी लगाम लगा
सकती है. अन्ना के आंदोलन के दौरान फेसबुक और ट्वीटर पर सरकार के खिलाफ जो माहौल
बना, उससे सरकार घबराई हुई है. ऐसे में फेसबुक और ट्वीटर पर लगाम लगाने की कोशिशें
पहले से ही चल रही थी. अब टेलिकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट,
फेसबुक और याहू जैसी कंपनियों को आदेश दिया है कि वे पैगंबर मोहम्मद, सोनिया गांधी
और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से संबंधित आपत्तिजनक, गलत और भड़काउ सामग्री हटा लें.
खबरों के अनुसार संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों को
बुलाकर यह आदेश दिया कि सोशल नेटवर्किंग साइटों और इसी तरह की अन्य साइटों से ऐसी
तमाम सामग्री हटा ली जाये, जिससे किसी का अपमान होता है. इसके लिये खास तौर पर
पैगंबर मोहम्मद, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह का उल्लेख किया गया. सिब्बल ने उनसे कहा
कि भारत सरकार सेंसरशिप में विश्वास नहीं करती है लेकिन विभिन्न समुदायों की
भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले और अन्य संवेदनशील मसलों को ऐसे ही नहीं छोड़ा जा
सकता. चूंकि ये कंपनियां इन साइट्स को चलाती हैं, इसलिए उन्हें इसे दुरुस्त करना
होगा.
सूत्रों के अनुसार इंटरनेट कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कपिल सिब्बल को कोई आश्वासन
नहीं दिया है. वैसे भी यह एक तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ मुद्दा
है. जाहिर है, सरकार के खिलाफ की गई किसी भी टिप्पणी को आपत्तिजनक ठहराया जा सकता
है और राजा या कलमाड़ी के खिलाफ इन सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सबूतों, तथ्यों,
स्थितियों पर भी बात करने पर रोक लगाई जा सकती है.
इन कंपनियों की दलील है कि ऐसी साइटों पर ज्यादातर सामग्री उपयोगकर्ता की ओर से ही
आती है, इसलिए इन पर नियंत्रण रखना मुश्किल है. हां, किसी विशेष स्थिति में कोई
शिकायत आती है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती है.