जरदारी ने कहा-नहीं दूंगा इस्तीफा
जरदारी ने कहा-नहीं दूंगा इस्तीफा
इस्लामाबाद. 8 जनवरी 2012
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि न तो वे राष्ट्रपति का पद
छोड़ने वाले हैं और ना ही सेना ने ऐसा करने के लिये उनपर कोई दबाव बनाया है.
उन्होंने साफ किया है कि वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और अगर उन पर पद छोड़ने के
लिये किसी तरह का दबाव बना तो उसे वे सार्वजनिक तौर पर जाहिर भी करेंगे.
गौरतलब है कि हाल ही में उनके बीमार होने के बाद से उनके पद छोड़ने पर अटकलें लग
रही थीं. कहा जा रहा था कि अमरीका के साथ खराब होते संबंध और देश भर में चौतरफा
विरोधों के बाद जरदारी को पहले से ही राष्ट्रपति पद पर बने रहने में खतरा नजर आने
लगा था.
एक अमरीकी पत्रिका ने दावा किया था कि मेमोगेट स्कैंडल के साथ-साथ जरदारी देश में
कट्टरपंथियों के निशाने पर पहले से ही हैं. उपर से नाटो हमले के बाद सेना में भी
उनके खिलाफ सुगबुगाहट हो रही है. ऐसे में वे अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
कहा जा रहा था कि पिछले साल पाकिस्तान की आर्मी छावनी एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन
के अमरीकी सैनिकों के हाथों मारे जाने के बाद पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने
अपना तख्ता पलट किये जाने के डर से अमरीका को चिट्ठी लिख कर वादा किया था कि अमरीका
जो-जो कहेगा, वे उसके अनुसार करने के लिये तैयार हैं.
अब इन अटकलों पर विराम लगाते हुये एक टेलीविज़न साक्षात्कार में आसिफ अली जरदारी ने
कहा कि अभी तक किसी ने उन्हें इस्तीफा देने के लिये नहीं कहा है. अगर कोई कहता है
तो वे इसे जरुर बताएंगे.
सरकार, न्यायपालिका और सेना के बीच के विवादों को उन्होंने क्रमिक विकास की
प्रक्रिया बताते हुये आसिफ अली जरदारी ने कहा कि यह विकास की प्रक्रिया है, जिसे आप
संघर्ष के तौर पर देखते हैं. हमारा न तो न्यायपालिका के साथ झगड़ा है और सेना के
साथ विवाद होने का तो सवाल ही नहीं है.
पाकिस्तान में समय पूर्व चुनाव की आशंकाओं को नकारते हुये उन्होंने कहा कि वे
विपक्षी पार्टी के नेताओं से सारे मुद्दों पर बातचीत करने के लिये तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि वे पीएमएल-एन के नेता नवाज शरीफ से समय पूर्व चुनाव जैसे मुद्दे पर
भी संवाद के लिये तैयार हैं.