मध्यप्रदेश और राजस्थान में दौड़ेगा चीता
मध्यप्रदेश और राजस्थान में दौड़ेगा चीता
नई दिल्ली. 23 जनवरी 2012 एचटी
दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से दौडऩे वाले जानवर चीते को देखने के लिए किसी अफ्रीकी
देश की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी. सब कुछ सही समय पर हो गया, तो साल भर के
अंदर अफ्रीकी देश नामीबिया से कुछ चीते मध्यप्रदेश पहुंच जाएंगे. ऐसे दर्जन भर से
ज्यादा चीतों को लोग राजस्थान और मध्यप्रदेश में देख पाएंगे.
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने ग्वालियर से 210 किमी दूर कूनो पालपुर इलाके में चीतों
के पुनर्वास के प्रोजेक्ट को लगभग हरी झंडी दे दी है. हालांकि कुछ वन्य प्राणी
विशेषज्ञों में इसे लेकर संशय भी है.
भारत में कई दशकों पहले तक चीते काफी संख्या में थे, लेकिन जबर्दस्त शिकार की वजह
से उनकी संख्या घटती चली गई और उनकी पूरी प्रजाति ही खत्म हो गई. अंतिम चीता
छत्तीसगढ़ के सरगुजा इलाके में 64 साल पहले मारा गया था.
भारत में दोबारा चीतों की आबादी को बढ़ाने की कोशिश शुरू हुई है. इसके लिए राजस्थान
की एक और मध्यप्रदेश में दो स्थानों का चयन किया गया है. यहां नामीबिया से लाए जा
रहे 18 चीतों को रखा जाएगा.
चीते की प्रजाति को भारत में दोबारा लाने की ऐसी कोशिश पहली बार हो रही है. 345
वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके को इसके लिए चिन्हित किया गया है. कई लोग इस
प्रोजेक्ट को लेकर सशंकित हैं.
वन महानिदेशक पीजे दलीप कुमार का कहना है कि यह योजना पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ
नहीं है. इससे पहले चीतों को अफ्रीका के दूसरे इलाकों में बसाने की कोशिशें सफल रही
हैं. पर अफ्रीका महाद्वीप से बाहर इस तरह की कोशिश कभी नहीं की गई. इसलिए यह बड़ा
सवाल है कि बदली जगह, मौसम और पर्यावरण में नामीबिया के चीते खुद को ढाल पाएंगे या
नहीं.
हालांकि एक अध्ययन में साफ हुआ है कि करीब 30 से 70 हजार साल पहले चीते अफ्रीका से
ही एशिया पहुंचे थे. कुछ लोग चीतों को हवाई जहाज से लाए की योजना के खिलाफ हैं.
हालांकि मध्यप्रदेश के वन सचिव एमके रंजीत सिंह का कहना है कि कुछ घंटों के अंदर ये
चीते भारत पहुंच जाएंगे. इसलिए उनके बारे में ज्यादा चिंता नहीं की जानी चाहिए.