शराब और पैसे में बिकता है मतदाता-अन्ना
शराब और पैसे में बिकता है मतदाता-अन्ना
मुंबई. 28 अप्रैल 2012
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का कहना है कि देश का मतदाता शराब और पैसे के
बदले बिक जाता है और गलत लोगों को वोट कर देता है. अन्ना की राय है कि देश में
मतदाता आज भी अपने वोट की कीमत को नहीं पहचानता है. ऐसी स्थिति में वह चुनाव लड़ना
तो चाहेंगे लेकिन लड़ेंगे नहीं. अन्ना हजारे ने चुनाव लड़ने और राजनीतिक दल बनाने की
किसी भी संभावना से इंकार कर दिया.
एक मराठी दैनिक के आयोजन में अपने विचार व्यक्त करते हुये अन्ना हजारे ने कहा कि
अगर वे चुनाव लड़ेंगे तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी. इसके पीछे बड़ा कारण यही है कि
आज भी भारत का मतदाता जागरूक नहीं हैं और गांव के लोगों को पैसे और शराब से
प्रभावित किया जा सकता है.
अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने कहा कि आम मतदाता सतर्क नहीं हैं. जानकार मतदाता
प्रजातंत्र का मूल है. गांवों में आज भी यदि पांच सौ रुपये का नोट जनता के सामने
लहरा दिया जाए तो वे आपको वोट दे देंगे. एक शराबी से आप शराब पिलाने का वादा कर लें
तो वह आपको वोट दे देगा.
राजनीति में युवाओं की उपस्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि युवा राजनीति में आएं
लेकिन इसमें कूदे नहीं. देश की राजनीति में आने वाला युवा वर्ग कुछ साल जनता का
समर्थन प्राप्त करने के लिए काम करे और उसके बाद चुनाव लड़े. अन्ना हजारे ने कहा कि
अगर इस तरीके से कोई काम करता है तो वे चुनाव के दौरान ऐसे युवाओं के पक्ष में वे
चुनाव प्रचार भी करेंगे.