अच्छी नीयत से बेहतर होंगे भारत-पाक संबंध
अच्छी नीयत से बेहतर होंगे भारत-पाक संबंध
नई दिल्ली. 17 नवंबर 2012. बीबीसी हिंदी डॉटकॉम
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के
बीच विवादों को सुलझाने के लिए दोनों ही तरफ़ से 'नीयत' की ज़रूरत है.
हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में शिरकत कर रहे मुशर्रफ़ ने कहा कि भारत और
पाकिस्तान सदियों साथ रहे हैं दोनों देशों के बीच भौगोलिक, ऐतिहासिक, सामाजिक,
सांस्कृतिक निकटता रही है लेकिन आज हालात ये हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ़
खड़े हैं, आपसी विश्वास पूरी तरह टूट गया है और हम दुश्मन बन गए हैं.
मुशर्रफ ने कहा कि 21वीं सदी जियोइकॉनॉमिक्स की है. हमें भविष्य के लिए एक दूसरे के
साथ सहयोग का रास्ता अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि, "आगे बढ़ने के लिए दोनों तरफ़
से अच्छी नीयत और मज़बूत इरादे के साथ किए गए समझौतों की ज़रूरत है."
मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान कई चरमपंथी संगठनों की गतिविधियों से परेशान है. अल
क़ायदा, तालिबान, हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्करे तैय्यबा जैसे चरमपंथी संगठनों से लड़ने
के मोर्चे पर दोनों देशों को अलग-थलग करके नहीं देखना होगा. ये एक साझा लड़ाई है.
भारत के बारे में जनरल मुशर्रफ़ ने कहा कि पाकिस्तान की तरह यहां भी चरमपंथी नेक्सस
बढ़ रहा है. भारतीय युवा चरमपंथ की ओर आकर्षित हो रहे हैं. ये बात न भारत के लिए
ठीक है और न पाकिस्तान के लिए.
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान अगर अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैं तो पुराने
झगड़े भुलाने होंगे. झगड़े की सबसे बड़ी वजह कश्मीर समस्या का माकूल हल निकालना
होगा और ये तभी संभव है जब नियंत्रण रेखा का विसैन्यीकरण कर दिया जाए, अधिक से अधिक
स्वशासन दिया जाए और नियंत्रण रेखा को गैर ज़रूरी बना दिया जाए ताकि लोगों और सामान
की आवाजाही आसानी से संभव हो सके. mमुशर्रफ ने सियाचीन, सरक्रीक, जल विवाद का हवाला
देते हुए कहा कि ये सब समस्याएं सही नीयत के बल पर सुलझाई जा सकती हैं.