रॉबर्ट वाड्रा ने दिये थे फर्जी चेक?
रॉबर्ट वाड्रा ने दिये थे फर्जी चेक?
चंडीगढ़. 12 जनवरी 2013
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के गुड़गांव जमीन घोटाले को लेकर अब नया
मामला सामने आया. आशंका व्यक्त की जा रही है कि शिकोहपुर गांव में रॉबर्ट वाड्रा
द्वारा 2008 में खरीदी गई 3.53 एकड़ जमीन के लिए जिन चेकों से भुगतान किया गया था,
वे डमी चेक थे. इसी ज़मीन को वाड्रा ने डीएलएफ को 58 करोड़ में बेची थी. ज़मीन
घोटाले की जांच के लिये चर्चित हुए आईएएस अशोक खेमका ने राज्य के मुख्य सचिव को
पत्र लिख कर इन चेकों की स्थिति को लेकर पत्र लिखा है.
गौरतलब है कि ज़मीन घोटाले की जांच का आदेश देने वाले आईएएस अशोक खेमका का अक्टूबर
2012 में तबादला कर दिया गया था. वे उस समय आईजी रजिस्ट्रेशन के पद पर कार्यरत थे.
खेमका ने कहा था कि उनका तबादला बिल्डरों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
करने के कारण किया गया है. इसको लेकर उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को बजाप्ता पत्र
लिखा था.
इससे पहले समाजसेवी अरविंद केजरीवाल और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कांग्रेस पार्टी
की अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर
सनसनी फैला दी थी. तमाम दस्तावेजी सबूतों के साथ केजरीवाल और उनकी टीम ने आरोप
लगाया कि रॉबर्ट वाड्रा ने 50 लाख की संपत्ति से केवल 3 साल में 300 करोड़ की
संपत्ति बना ली.अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पिछले चार सालों में रॉबर्ट
वाड्रा ने एक के बाद एक 31 संपत्तियां खरीदी हैं जिसमें से अधिकांश दिल्ली और उसके
आस-पास के इलाकों में हैं. इन संपत्तियों को खरीदने में वाड्रा को करोड़ो रुपए
चुकाने पड़े हैं.
आरोपों के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां ने पांच कंपनियों का गठन 1 नवंबर 2007
के बाद किया. उन कंपनियों के बही-खातों और ऑडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि इन
कंपनियों की कुल शेयर पूंजी मात्र 50 लाख रुपए थी. इन कंपनियों के पास आय का
एकमात्र वैध स्रोत था डीएलएफ द्वारा मिला ब्याज मुक्त कर्ज. इसके अलावा इन कंपनियों
की आय का कोई वैध स्रोत नहीं है.फिर भी 2007 से 2010 के दौरान इन कंपनियों ने 300
करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की जिसकी कीमत आज 500 करोड़ से ऊपर पहुंच चुकी है.
अब अशोक खेमका ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र में कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा
द्वारा 2008 में खरीदी गई 3.53 एकड़ जमीन के लिये रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट
हॉस्पिटेलिटी ने ज़मीन के मालिक को 7 करोड़ रुपये का भुगतान कब किया था? खेमका का
कहना है कि रजिस्टर्ड सेल डीड में 7 करोड़ रुपये के भुगतान की तारीख 12 फरवरी 2008
है. अशोक खेमका ने आशंका जताई है कि जिन चेकों का भुगतान के लिये उल्लेख किया गया
है, वे चेक डमी थे और उनके नंबर झूठे हैं. उन्होंने मुख्य सचिव से संबंधित
दस्तावेज़ों की प्रति मांगी है.