कादरी हो सकते हैं गिरफ्तार
कादरी हो सकते हैं गिरफ्तार
इस्लामाबाद. 17 जनवरी 2013
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री
राजा परवेज अशरफ के इस्तीफे को लेकर आंदोलन कर रहे धर्मगुरु ताहिर उल कादरी के
खिलाफ पाकिस्तान सरकार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. रिपोर्ट में देश के खिलाफ
युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया गया है. इधर कादरी की सरकार को दी डेडलाइन देर रात बिना
किसी हलचल के खत्म हो गई. माना जा रहा है कि अगर सेना ने हस्तक्षेप नहीं किया तो
कादरी को गिरफ्तार किया जा सकता है.
इधर बीबीसी के अनुसार बुधवार को कादरी ने अपने समर्थकों के सामने अपने उस भाषण को
पूरा किया, जो उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ़ की गिरफ़्तारी
के अदालती आदेश के बाद अधूरा छोड़ दिया था. ताहिरुल क़ादरी ने कहा, "हमारी मांगें
वहीं हैं, जो 23 दिसंबर को थीं." उन्होंने एक बार फिर सरकार की आलोचना की और कहा कि
इस सरकार के जाने में अब सिर्फ़ कुछ ही दिन बचे हैं.
उन्होंने अपनी मांगों को मनवाने के लिए एक बार फिर समयसीमा बढ़ाते हुए सरकार को
बुधवार रात तक की मोहलत दी. वो सरकार से अपने सात सूत्री मांगों को लागू करने के
लिए दबाव डाल रहे हैं. इनमें ये मांग भी शामिल है कि पाकिस्तान की सभी असेंबलियों
को भंग किया जाए और चुनाव आयोग का भी नए सिरे से गठन हो.
इस बीच प्रदर्शनों के कारण इस्लामाबाद में आम जनजीवन पर व्यापक असर हुआ है. खाने और
ईंधन की आपूर्ति में बाधाओं को देखते हुए व्यापारिक प्रतिष्ठान और स्कूल बंद कर दिए
गए हैं. लाहौर में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के प्रमुख नवाज़ शरीफ़ ने विभिन्न
राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को मौजूदा स्थिति पर सलाह-मशविरा करने के लिए
आमंत्रित किया है.
इनमें जमाते इस्लामी के सैयद मुनव्वर हसन और पख़्तून ख़्वाह मिल्ली आवामी पार्टी के
महमूद ख़ान अचकज़ई भी शामिल हैं. इससे पहले बुधवार की सुबह आवामी नेशनल पार्टी के
एक शिष्टमंडल ने ग़ुलाम अहमद बिल्लौर और आज़म ख़ान होती के नेतृत्व में नवाज़ शरीफ़
से लाहौर में मुलाक़ात की. मंगलवार को ताहिरुल क़ादरी ने इस्लामाबाद में हज़ारों
लोगों के सामने भाषण में कहा था कि इनके सात सूत्री एजेंडे की आख़िरी मांग
असेंबलियों को भंग करना है और वो अपना हक़ लिए बिना वापस नहीं जाएँगे.