शाहरुख का पूरा लेख पढ़ें
शाहरुख का पूरा लेख पढ़ें
मुंबई. 30जनवरी 2013
भारत में मुसलमानों को
लेकर उठे विवाद के बाद शाहरुख खान ने कहा है कि उनके लिये बेहतर है कि वे 100 करोड़
और अपनी फिल्मों की अभिनेत्रियों के बारे में ही बात करें. पाकिस्तान के गृहमंत्री
द्वारा सुरक्षा दिये जाने संबंधी बयान को लेकर शाहरुख ने कहा कि मैं अपने मुल्क में
खुश हूं और ऐसी किसी सलाह की मुझे ज़रुरत नहीं है.
गौरतलब है कि शाहरुख खान ने अंग्रेजी पत्रिका आउट लुक टर्निंग प्वाइंट्स में एक लेख
लिखा है. संभवतः इंटरव्यू को आधार बना कर लिखे गये इस लेख को फर्स्ट पर्सन में
प्रकाशित किया गया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि कुछ राजनेता उन्हें भारत में
मुसलमानों के बुरे प्रतीक के तौर पर पेश करते हैं. शाहरुख के मुताबिक कई बार मैं
राजनेताओं की बिना सोची समझा निशाना बन जाता हूं. वो भारत के मुसलमानों के बारे में
जो कुछ भी गलत सोच रखते हैं मुझे उसका प्रतीक बना देते हैं. शाहरुख का दर्द सिर्फ
इतना ही नहीं है. अपने लेख में वो आगे बढ़ते हैं. और ये भी लिखते हैं कि कैसे भारत
में कुछ लोग उनकी देश भक्ति, वफादारी पर सवाल उठाते हैं. उन्हें देश छोड़ने तक की
सलाह देते हैं. हम बता दें कि उनकी फिल्म माइ नेम इस खान के रिलीज से पहले शिवसेना
ने काफी बवाल मचाया था. उन्हें काफी भला बुरा कहा था.
अपने लेख में शाहरुख ने लिखा है कि ऐसा कई बार हुआ है कि मुझपर ये आरोप लगाए गए मैं
अपने देश की बजाय पड़ोसी देश के साथ वफादारी रखता हूं. एक ऐसा भारतीय होने के
बावजूद, जिसके पिता ने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी. इन आरोपों के साथ रैलियां की गई
जहां नेता मुझे इस बात के लिए मजबूर करते नजर आएं की मुझे ये देश छोड़ देना चाहिए.
मुझे वहां चले जाना चाहिए जिसे वो मेरा असली घर बताते हैं.‘
शाहरुख खान ने इस लेख में लिखा है कि मैंने अपने बेटे और बेटी को एक सामान्य नाम
दिया है- आर्यन और सुहाना. खान नाम मुझे विरासत में मिला है इसलिए वो उससे छुटकारा
नहीं पा सकते. मुसलमानों के पूछने पर मैं इसे खुले गले से बोलता हूं और जब
गैर-मुसलमान इस बारे में जानकारी चाहते हैं तो मैं नस्ल के सबूत के तौर पर आर्यन का
नाम बताता हूं. मुझे लगता है कि इससे आगे चलकर मेरे बच्चों को बिना मतलब के देश
छोड़ने के आदेशों और बार-बार मिलने वाले फतवों से मुक्ति मिलेगी. जब भी मेरे बच्चे
अपने मजहब के बारे में मुझसे पूछते हैं मैं हिंदी फिल्मों के हीरो की तरह दार्शनिक
अंदाज में उनसे कहता हूं- तुम एक भारतीय हो और तुम्हारा धर्म इंसानियत है. मैं
उन्हें गंगनम स्टाइल में ये गाना भी सुनाता हूं- तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा.
शाहरुख ने लेख में कहा है कि मेरा इस्लाम मेरी पत्नी के हिंदू होने से नहीं टकराता.
गौरी से मेरी असहमति सिर्फ लिविंग रूम की दीवार के रंग को लेकर है ना कि उन दीवारों
की जगह को लेकर जो भारत में मस्जिदों को मंदिरों से अलग करती हैं.
शाहरुख ने अपने इस लेख में लिखा है कि मुझे तब बहुत खीझ हुई जब संयोगवश मेरे आखिरी
नाम वाले कुछ सनकी आतंकियों ने मेरी फिल्म के आखिरी नाम- 'माई नेम इज खान' का हवाला
देकर अपनी बात साबित करने की कोशिश की. ये हैरत की बात है कि फिल्म के प्रमोशन के
लिए पहली बार अमेरिका जाने पर वहां मेरे नाम की वजह से एयरपोर्ट पर मुझसे घंटों तक
पूछताछ की गई.