मलाला युसुफजई के दिमाग की सर्जरी सफल
मलाला युसुफजई के दिमाग की सर्जरी सफल
बर्मिंघम. 04 फरवरी 2013
तालिबानी हमले में घायल हुई पाकिस्तानी लड़की मलाला युसुफज़ई के दिमाग
की दो सफल सर्जरी कर उसमें टाइटेनियम की प्लेट और कॉकलेयर नामक उपकरण सफलतापूर्वक
स्थापित कर दिए गए है. बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में हुई इस सर्जरी को
करने में मलाला की देखभाल कर रही मेडिकल टीम के डाक्टरों को पाँच घंटे से अधिक का
समय लगा. डाक्टरों के अनुसार मलाला की सेहत सर्जरी के बाद स्थिर है और वे जल्द ही
रिकवर कर रही है.
मेडिकल टीम के अनुसार ऑपरेशन के बाद मलाला बेहतर है और उसने डॉक्टरों और परिजनों से
बातचीत भी करना शुरु कर दिया है. इस सर्जरी को करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि इस
सर्जरी में तमाम तरह की जटिलताएं थीं जिसमें याददाश्त जाने और हारमोन्स में बदलाव
जैसे खतरे शामिल थे लेकिन अब सबकुछ ठीक है. कॉकलेयर उपकरण मरीज को सुनने में मदद
करने के लिए स्थापित किया जाता है.
गौरतलब है कि 14 वर्षीय मलाला हुसुफज़ई को 10 अक्टूबर को पाकिस्तान की स्वात घाटी
के मुख्य शहर मिंगोरा में तालिबानी आतंकियों ने स्कूल से घर वापस लौटते वक्त सिर
में गोली मार दी थी. 14 वर्षीय मलाला हुसुफज़ई पर पाकिस्तान के स्वात घाटी के मुख्य
शहर मिंगोरा में तालिबानी आतंकियों द्वारा हमला तब किया गया जब वह स्कूल से घर वापस
लौट रही थी.
तालिबान ने मलाला पर हमले के बाद कहा थी कि चूंकि मलाला धर्मनिरपेक्ष है और तालिबान
के खिलाफ बात करती है, इसलिये उसे गोली मारी गई. हमलों के बाद मलाला को पहले
स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन बाद में 14 अक्टूबर को उसे इंग्लैंड
के बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
मलाला पहली बार सुर्खियों में वर्ष 2009 में आईं जब 11 साल की उम्र में उन्होंने
तालिबान के साए में ज़िंदगी के बारे में डायरी लिखना शुरु किया. इसके लिए उन्हें
वर्ष 2011 में बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया
गया था. मलाला शुरु से ही अपने इलाके में तालिबान की गतिविधियों की मुखर विरोधी है,
इसीलिए वह तालिबान के निशाने पर भी रही है.