माननीय राजा भैया के खिलाफ गवाह नहीं
माननीय राजा भैया के खिलाफ गवाह नहीं
लखनऊ. 11 मार्च 2013
प्रतापगढ़ के कुंडा में मारे गए डीएसपी जिया-उल-हक की हत्या के मामले में सीबीआई राजा भैय्या के खिलाफ अब तक एक भी गवाह नहीं ढूंढ पाई है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा
भैया को कुंडा का गुंडा कहा जाता था लेकिन अब विधायक बन चुके राजा भैया को सरकारी हलको में माननीय कहा जाता है. इस माननीय राजा भैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद माना जा रहा था कि उनकी कभी भी गिरफ्तारी हगो सकती है. लेकिन प्रारंभिक जांच-पड़ताल के बाद कुंडा में राजा भैया के खिलाफ बोलने के लिये कोई भी शख्स तैयार नहीं है.
गौरतलब है कि डीएसपी जिया-उल-हक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया था कि
मृत डीएसपी के शव पर जख्मों के निशान पाए गए. इसका साफ मतलब यह माना गया कि गोली
मार कर हत्या करने से पहले उनके साथ मारपीट भी की गई थी. इसके बाद साजिश वाले पक्ष
की अनदेखी करना मुश्किल था. इससे पहले मृतक की पत्नी ने भी गंभीर आरोप लगाये थे.
प्रतापगढ़ में डीएसपी की हत्या के मामले में नामजद दो आरोपियों गुड्डू सिंह और
राजीव सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद बाहुबली मंत्री राजा
भैय्या के इस्तीफे की मांग शुरु हो गई थी. राजा भैय्या और उनके चार सहयोगियों के
खिलाफ मृतक डीएसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
रिपोर्ट में उन्होंने आरोप लगाया था कि गुलशन यादव, हरी ओम, रोहित सिंह और
गुड्डू सिंह राजा भैया के गूर्गे है और राजा भैया के कहने पर मेरे पति को जान से
मारने की नीयत से वहां पहुंचे थे. इन चारों ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिल कर पहले
मेरे पति और डीएसपी जिया उल हक को लाठी, डंडा और सरिया से मारा. जब वह गिर गए तो
उनको तमंचे से गोली मार दी.
अल्पसंख्यक समुदाय के डीएसपी जिया उल हक की हत्या के बाद से ही मुलायम सिंह की
सरकार दबाव में थी. समाजवादी पार्टी की सरकार में शामिल बाहुबली मंत्री रघुराज सिंह
के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग रविवार को तेज हो गई. माना जा रहा था कि
इस मुद्दे पर विपक्षी दल हंगामा कर सकता है. उससे पहले मुलायम सिंह ने रघुराज सिंह
के इस्तीफे और उसकी मंजूरी की घोषणा की.
इधर रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैय्या ने विधानसभा में दावा किया कि जिस समय
डीएसपी की हत्या की बात कही जा रही है, उस वक्त वे दो आरोपियों के साथ लखनऊ में
मुख्यमंत्री निवास में थे.
सीबीआई की जांच की शुरुवात के बाद कहा जा रहा था कि राजा भैया को सीबीआई गिरफ्तार कर सकती है लेकिन सीबीआई इस बात को लेकर परेशान है कि वह अब तक राजा भैया के खिलाफ एक भी गवाह तलाश नहीं कर पाई है. सीबीआई ने फोन नंबर और ईमेल का पता भी जारी कर लोगों से गवाही देने की की अपील की है.
जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखने और उसकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया है. इधर बलिपुर के लोगों की भी वापसी के लिये सीबीआई ने अपील जारी की है लेकिन बलिपुर के लोग अब तक गांव लौटने के लिये तैयार नहीं हैं.