एंटी रेप बिल राज्यसभा में भी पास
एंटी रेप बिल राज्यसभा में भी पास
नई दिल्ली. 21 मार्च 2013
महिलाओं की सुरक्षा के
लिए बना एंटी रेप बिल गुरुवार को राज्य सभा में भी पास हो गया. अब इसे राष्ट्रएपति
प्रणब मुखर्जी के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही इसे कानून के
बतौर मान्यता मिल जाएगी. गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्य सभा में विधेयक पेश किया.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा ने आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश को नामंजूर करने का
प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने नामंजूर कर दिया. यह विधेयक उसी अध्यादेश की जगह लेगा. विधेयक पर मतदान के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी राज्य सभा में मौजूद थे.
गौरतलब है कि जस्टिस जेएस वर्मा समिति, संसद की स्थायी समिति और सर्वदलीय बैठक की
प्रक्रिया के बाद इस विधेयक को अंतिम रूप देकर मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया
था.
संसद में बिल पेश करते हुए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली में चलती बस
में गैंग रेप की शिकार लड़की का जिक्र किया और सांसदों से अपील की कि बिल को पास कर
बहादुर लड़की को श्रद्धांजलि दें. शिंदे ने कहा था कि रेप की परिभाषा को और व्यापक
किया गया. पहली बार उन चीजों का भी उल्लेख किया गया है जो अब तक कानून में शामिल
नहीं था.
वोटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ और एसिड अटैक पर उम्रकैद की मांग का संशोधन गिरा
दिया गया. इस प्रस्तावित बिल में बाल तस्करी पर 20 साल की सजा देने का भी संशोधन
गिराया गया. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने गीतिका शर्मा केस का उदाहरण
दिया. उन्होंने सरकार पर पीछा करने पर भी सख्त सजा देने का दबाव बनाया.
बिल में सहमति से सेक्स की उम्र को 18 साल ही रखी गई है. उधर बिल में रेप के लिए
न्यूनतम 20 साल की सजा की गई है. पहली बार पीछा करने पर जमानती अपराध होगा और दूसरी
बार पीछा करने पर गैर जमानती अपराध माना जाएगा.
माना जा रहा है कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जल्दी ही इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर के
इसे मंजूरी दे देंगे. वैसे पितृसत्तात्मक भारतीय समाज में इस बिल को लेकर कुछ
ज्यादा ही विवाद होता रहा है. ऐसे में इसे कानूनी मान्यता मिलने के बाद इसका असर
देखने लायक होगा.