मुशर्रफ को करगिल पर गर्व
मुशर्रफ को करगिल पर गर्व
इस्लामाबाद. 28 मार्च 2013
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि कारगिल अभियान पर
उन्हें फक्र है कि उन्होंने भारत पर हमला कर के इस हिस्से पर अपना दम दिखाने की
कोशिश की. उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों में से हूं जो देश और उसके नागरिकों के
बारे में सोचते हैं. 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सरहद में घुस कर कारगिल
पर कब्जा करना की कोशिश की थी.
पाकिस्तान में 11 मई को होने वाले आम चुनावों के लिए ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग
पार्टी की अगुआई करने देश लौटे मुशर्रफ ने कहा कि वह फिलहाल नहीं कह सकते कि उनकी
पार्टी कितनी सीटें जीत सकेगी. मुशर्रफ ने सत्ता में अपने कार्यकाल का बचाव करते
हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने उनके समय में तरक्की की थी और एक बार फिर वे मुल्क
को आगे ले जायेंगे.
उल्लेखनीय है कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने 1998 में नवाज शरीफ का तख्ता पलट कर
पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया था और लगातार उन्होंने 2008 तक पाकिस्तान पर शासन
किया. इससे पहले 2001 में मुशर्रफ ने खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया
था. लेकिन 2008 में देश में बनते राजनीतिक दबाव के कारण वे पाकिस्तान से खुद ही
निर्वासित हो कर लंदन और दुबई में रह रहे थे.
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज़ मुशर्रफ 2006 में बलोच नेता अकबर खान बुगटी
की मौत और 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में भगोड़ा
घोषित किये गये थे. दिसंबर 2007 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या
के मामले में रालवपिंडी की अदालत ने उन्हें अदालत में तलब किया था लेकिन वे अदालत
में नहीं आये. इसके बाद रावलपिंडी की इस अदालत ने उन्हें फरार घोषित कर दिया. पंजाब
सरकार ने भी कह रखा था कि अगर मुशर्रफ ने मुल्क में कदम रखा तो उन्हें तत्काल
गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
वे पिछले पाँच सालों से स्वनिर्वासित जीवन जी रहे थे लेकिन हाल ही में उन्होंने
स्वदेश वापस लौटने की बात कही थी. इसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने इंटरपोल से मुशर्रफ
को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई थी लेकिन इंटरपोल ने इस मांग को राजनीतिक रूप से
प्रेरित बताकर ऐसा करने से इंकार कर दिया था जिसके बाद मुशर्रफ के पाकिस्तान वापस
आने का रास्ता खुल गया. हत्या के मामले में जमानत मिलने के बाद मुशर्रफ इसी सप्ताह
पाकिस्तान लौटे हैं.