मोदी के खिलाफ जाकिया की याचिका
मोदी के खिलाफ जाकिया की याचिका
नई दिल्ली. 15 अप्रैल 2013
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में एसआईटी द्वारा क्लीन चिट
दे कर मामले की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किये जाने के खिलाफ जाकिया जाफरी आज सुप्रीम
कोर्ट में विरोध याचिका दायर करेंगी. इस मामले में निचली अदालतों में याचिका दायर
करने की समय सीमा निकल गई थी. इसलिये जाकिया इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले कर आई
हैं.
ज्ञात रहे कि 2002 के गुजरात दंगों में गुलबर्ग सोसायटी जनसंहार में जाफरी सहित 37
लोग मारे गए थे. उग्र भीड़ ने अहमदाबाद के करीब स्थित गुलबर्ग सोसायटी के मुस्लिम
समुदाय को निशाना बनाया था और उन्हें आग के हवाले कर दिया था. पूर्व सांसद एहसान
जाफरी की मौत के बाद उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
थी. इसके बाद कोर्ट ने मामले में राजू रामचंद्रन को एमिकस क्यूरी यानी न्याय मित्र
नियुक्त किया था.
इससे पहले सितंबर में सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत को 2002 के गुजरात दंगों के
दौरान हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में जाकिया की याचिका पर सुनवाई करने का
निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह मजिस्ट्रेट पर निर्भर करता है कि
वह दंगे मामले में मोदी और 63 अन्य के खिलाफ अदालती कार्यवाही आगे बढ़ाते हैं या
नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अब इस मामले की जांच पर आगे से निगरानी नहीं
रखेगी.
इसके बाद हाल ही में एसआईटी ने गुजरात दंगों पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी. जिसकी कॉपी
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और कुछ और लोगों ने अदालत से मांगी थी. लेकिन
एसआईटी ने इसका विरोध किया था. फरवरी में इस मामले की सुनवाई करते हुये अदालत ने
एसआईटी रिपोर्ट जाकिया जाफरी या तीस्ता सितलवाड़ को देने से मना कर दिया था. अदालत
का कहना था कि अभी रिपोर्ट पूरी तरह से पेश नहीं हुई है, इसलिए इसे जकिया जाफरी को
नहीं दिया जा सकता.
इस रिपोर्ट में एसआईटी ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देते हुये मामले की क्लोजर
रिपोर्ट दायर की थी. अब इस मामले में मोदी के खिलाफ जाकिया जाफरी ने याचिका दायर
करने का निर्णय लिया है. जाकिया का कहना है कि मोदी के मामले में एसआईटी की रिपोर्ट
विश्वास योग्य नहीं हैं.