नई दवा नीति से दवा उद्योग हैरान
नई दवा नीति से दवा उद्योग हैरान
नई दिल्ली. 18 मई 2013
भारत सरकार की नई दवा
नीति के आने का साथ ही बाजार में फार्मा सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में खासी
बिकवाली देखी गई. माना जा रहा है कि इस नई दवा नीति के कारण फार्मा कंपनियों के
मुनाफे पर असर पड़ेगा. ऐसे में आश्चर्य नहीं कि इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में
दवा कंपनियां सरकार के खिलाफ कोई आंदोलन शुरु करें. डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक सतीश रेड्डी ने कहा कि कंपनी स्तर पर हम नीति को लेकर अवगत थे और 3 से 4 प्रतिशत के बीच पड़ने वाले प्रभाव को दवा बिक्री में शामिल किया है.
इसके प्रभाव से निपटने को लेकर हमने योजना बनाई है.
गौरतलब है कि नवंबर, 2012 में ही मंजूरी दी गई नई दवा नीति की अधिसूचना गुरुवार को
जारी की गई. इस नीति के नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग पॉलिसी को 348 आवश्यक दवाओं
की कीमतों पर नियंत्रण करने का अधिकार मिला गया है.
लेकिन नई दवा नीति के असर का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि इस दवा नीति की घोषणा
के साथ ही अधिकांश दवा कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. इसके असर से बांबे
स्टॉक एक्सचेंज का हेल्थकेयर इंडेक्स भी 35.91 अंक यानी 0.39 फीसदी की गिरावट के
साथ 9,164.19 अंक पर आ गया.