अलग हुए भाजपा-जदयू के रास्ते
अलग हुए भाजपा-जदयू के रास्ते
नई दिल्ली. 15 जून 2013
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भाजपा से अपना 17 वर्ष पुराना
गठबंधन तोड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी है. रविवार को पटना में एक पत्रकार सम्मेलन
आयोजित कर जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि उनकी
पार्टी अब भाजपा नीत राष्ट्रीय गणतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा नहीं रहेगी.
गठबंधन तोड़ने के बारे में बोलते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता और राजग के संयोजक शरद
यादव ने कहा कि हम राजग में एक राष्ट्रीय एजेंडे को लेकर जुड़े थे और पिछले 17
सालों में तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद हमने इसे बनाए रखा. लेकिन अब एनडीए अपने
राष्ट्रीय एजेंडे से भटक गया है तो ऐसी स्थिति में उनके साथ के बने रहना हमारे लिए
मुनासिब नहीं होता.
नरेंद्र मोदी को भाजपा के चेहरा चुने जाने के बारे में शरद यादव ने कहा कि हमें
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भाजपा किसे क्या पद देती है. लेकिन उसके बाद के भाजपा
नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना भाषणबाजी असहनीय है और हमारे उसूलों पर चोट करने वाले
हैं. ऐसे हालात में इस साथ से न भाजपा को फायदा होता न जदयू को तो फिर ऐसा गठबंधन
टूटना ही बेहतर है.
मौके पर नीतीश कुमार ने भी कहा कि जदयू अपने बुनियादी सिद्धांतों से समझौता कर किसी
गठबंधन में नहीं बनी रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि हम इस गठबंधन के टूटने के
जिम्मेवार नहीं है और न ही इस गठबंधन के टूटने से जदयू को कोई फर्क पड़ने वाला है.
बिहार के बारे में उन्होंने कहा कि यहां गठबंधन ठीक चल रहा था लेकिन बाहरी
हस्तक्षेप के चलते उसमें भी दरार आई है.
गठबंधन तोड़ने की घोषणा करने के बाद विश्वास मत प्राप्त करने के लिए नीतीश कुमार ने
19 जून को बिहार विधानसभा में विशेष सत्र भी बुलाया है. बिहार की 243 सदस्यीय
विधानसभा में बहुमत के जादुई आंकड़े के लिए जेडीयू को 122 विधायक चाहिए जिसमें से
118 उसके पास हैं ही और बाकी के लिए उसकी नज़र राज्य के छह निर्दलीय विधायकों पर
लगी हुई है.