उग्रवादी भागवत पर चले राष्ट्रद्रोह का मामला: जदयू
उग्रवादी भागवत पर चले राष्ट्रद्रोह का मामला: जदयू
पटना. 23 जुलाई 2013
बिहार के कृषि मंत्री और जद(यू) के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें उग्रवादी
करार दिया. उन्होंने कहा कि
भागवत का यह कहना कि देश की एकता एवं अखंडता सिर्फ हिन्दुत्व से ही बनी रह सकती है,
भारत के संविधान का खुला मजाक है और ऐसे बयान देने वाले के खिलाफ
राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए. उन्होने आरएसएस को प्रतिबंधित करने की भी
मांग की.
पटना में संवाददाताओं से बात करते हुए सिंह ने कहा कि संविधान की मूल भावना में एक
लोकतांत्रिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य और कल्याणकारी सरकार के गठन की
परिकल्पना समाहित है. एक तरह तो हम धर्मनिरपेक्षता और पंथनिरपेक्षता की बात कर रहे
हैं और दूसरी तरह कुछ लोग एक पंथ या धर्म को संकट मोचक बता रहे हैं. यह तो मेरी समझ
में उग्रवादी और देशद्रोही बातें हैं.
यहीं नहीं सिंह ने भागवत की तुलना खालिस्तानियों से भी की और कहा कि जिस तरह से
उनके आंदोलन देश को तोड़ते थे, उसी तरह से भागवत ऐसे बयानों से देश की अखंडता को
नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक और राष्ट्रविरोधी
गतिविधियों के आरोप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
नरेंद्र सिंह ने कुछ समय पहले तक जद यू की सहयोगी पार्टी रही भाजपा को
सांप्रदायिकता बढ़ाने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि वे देश के तमाम लोकतांत्रिक और
धर्मनिरपेक्ष लोगों से अपील करते हैं कि वे देश को ऐसे धार्मिक उन्माद से बचाने का
प्रयास करें.