गाजी के कारण एसपी का तबादला
गाजी के कारण एसपी का तबादला
जैसलमेर. 5 अगस्त 2013
राजस्थान के कुख्यात गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलना पंकज चौधरी को महंगा पड़ गया.
गाजी फकीर के बेटे कांग्रेस विधायक साहेल मोहम्मद के कहने पर राज्य सरकार ने पंकज
को ही जिले से बाहर का रास्ता दिखा दिया. हालांकि अब इस तबादले को लेकर सियासत गरमा
गई है.
हालांकि पंकज चौधरी का कहना है कि उनका तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन गाजी
फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने के 48 घंटे के भीतर उनके तबादले को कोई भी सामान्य
प्रक्रिया मानने के लिये तैयार नहीं है. यहां यह भी गौरतलब है कि पंकज चौधरी ने
रविवार को भी यह बात स्वीकार की थी कि गाजी फकीर की फाइल फिर से खोलने को लेकर उन
पर दबाव था और उन्हें ऐसा नहीं करने के लिये कहा गया था.
गौरतलब है कि इसी साल जून में सीआईडी सीबी के एडीजी कपिल गर्ग ने एक आदेश में कहा
था कि कई मामलों में अफसर राजस्थान पुलिस नियम 4.13(4)के तहत हिस्ट्रीशीट बंद कर
देते है जो गलत है. ...क्योंकि यह नियम व्यक्तिगत पंजिका के संबंध में लागू होता
है. हिस्ट्रीशीट पर नियम 4.12 लागू होता है. इसके अनुसार हिस्ट्रीशीट मृत्युपरांत
ही बंद की जा सकती है. यदि वह व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों में नहीं हैं तो
हिस्ट्रीशीट को व्यक्तिगत पंजिका में शामिल कर दें और व्यक्तिगत पंजिका भी
मृत्युपरांत ही बंद की जा सकती है.
इसके बाद पंकज चौधरी ने ऐसे कई मामले सामने लाये और गाजी फकीर का मामला भी उनमें से
एक था. गाजी फकीर की फाइल अवैध तरीके से एक एएसपी ने बंद कर दी थी. गाजी के खिलाफ
1965 से अपराध के कई मामले थे. कहा जाता है कि पाकिस्तान में भी गाजी के कई लोग
हैं. हालांकि गाजी फकीर के दोनों बेटे राजनीति में हैं और एक जिला प्रमुख तो दूसरा
कांग्रेस से विधायक है. गाजी फकीर की फाइल खुलते ही कोहराम मच गया और 48 घंटों में
ही पंकज को जैलसमेर के एसपी के पद से हटा कर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल किशनगढ़ में
कमांडेट का पदभार ग्रहण करने को कह दिया गया.
सियासी राजनीति के बीच भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं रविवार को जैसलमेर बंद भी
यह साफ कर दिया है कि एसपी के तबादले को लेकर लोगों में आक्रोश है. एसपी के कामकाज
को लेकर जैसलमेर में खूब चर्चा रही है और जनता के बीच वे काफी लोकप्रिय हैं. ऐसे
में पंकज चौधरी का यह तबादला कांग्रेस की सत्ता की छिछालेदर करा सकता है, इसमें कोई
शक नहीं है.