लहर हुआ कमज़ोर, आंध्र को राहत
लहर हुआ कमज़ोर, आंध्र को राहत
हैदराबाद. 28 नवंबर 2013
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान 'लहर' के आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाके से
गुजरने से पहले ही कमजोर पड़ जाने के कारण राज्य पर तबाही का संकट कम हो गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने संभावना जताई है कि गुरुवार दोपहर मछलीपट्टनम
के नजदीक कृष्णा जिले से गुजरने से पहले ही चक्रवाती तूफान लहर शिथिल पड़ चुका है,
तथा इसके और कमजोर होते जाने की उम्मीद है.
आईएमडी की ताजा विज्ञप्ति में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान के कम दबाव में चले
जाने के कारण कृष्णा, गुंटूर, प्रकाशम, पूर्वी गोदावरी और पश्चिमी गोदावरी जिलों
में बारिश होने की संभावना है. अगले 12 घंटों में राज्य से होकर 50 से 60 किमी
प्रति घंटा की दर से हवाएं चल सकती हैं.
राज्य के तटवर्ती इलाकों और पुडुचेरी के यनम में अगले 24 घंटों में अधिकांश हिस्सों
में बारिश की भविष्यवाणी भी की गई है. तेलंगाना में भी अगले 36 घंटों में कहीं
हल्की तो कहीं भारी बारिश हो सकती है.
इससे पहले आईएमडी ने तूफान को कमजोर पड़ता देख नौ में से पांच तटीय जिलों के लोगों
को राहत देते हुए चक्रवात की चेतावनी वापस ले ली.
राज्य सरकार ने लहर के 1996 में आए भयावह तूफान से भी अधिक तेज होने की चेतावनी
जारी की थी. राज्य में 1996 में आए चक्रवाती तूफान में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई
थी, तथा पूर्वी गोदावरी जिले के कोणासीमा में भारी तबाही मची थी.
प्रशासन ने चार जिलों के जोखिम भरे इलाकों से 26,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर
हटा लिया है, तथा राहत एवं बचाव कार्यो के लिए चार हेलीकॉप्टर और सेना की छह
टुकड़ियां तैनात की हैं.
बुधवार को मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था कि तूफान, तट पर पानी का तापमान कम होने, हवा
कम होने और मध्य भारत की ओर से चल रही हवाओं के चलते कमजोर पड़ गया है.
बता दें कि लहर आंध्र प्रदेश तट पर एक माह के अंदर दस्तक देने वाला तीसरा चक्रवाती
तूफान है. हेलेन ने पिछले सप्ताह मछलीपट्टनम पर तट को पार किया था. इस तूफान में छह
लोग मारे गए थे और चार लाख हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचा था.
पिछले महीने आए चक्रवाती तूफान फेलिन में भी ओडिशा से सटे श्रीकाकुलम जिले में एक
नागरिक की मौत हो गई थी और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था, जबकि तूफान के बाद भारी
बारिश और बाढ़ के कारण 58 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा 13 लाख हेक्टेयर में
लगी फसलें नष्ट हो गई थीं.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रारंभिक आकलन के मुताबिक, हेलेन के कारण राज्य को 1,628
करोड़ रुपयों का नुकसान पहुंचा. वहीं राज्य सरकार ने फेलिन से प्रभावित इलाकों में
राहत एवं पुनर्वास कार्यो के लिए केंद्र सरकार से 6,500 करोड़ रुपयों की सहायता
मांगी है.