पीड़िता की पहचान जता पलटीं लेखी
पीड़िता की पहचान जता पलटीं लेखी
नई दिल्ली. 30 नवंबर 2013
तेजपाल यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर चुकीं भाजपा प्रवक्ता
और वरिष्ठ वकील मीनाक्षी लेखी अब अपने वक्तव्य से पलट गई हैं. शुक्रवार को लेखी ने
अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया जिसमें पीड़ित महिला पत्रकार का
उपनाम भी था. इसके कुछ ही देर बाद लेखी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने इस
ट्वीट को हटा दिया.
जब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने लेखी से इस बाबत पूछताछ की तो उन्होंने कहा
कि 'एक मिनट के भीतर ही मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया था और यह ट्वीट हटा लिया
गया था. यह अधूरी (पहचान) थी और असावधानीवश ऐसा किया गया.'
अखबार ने शनिवार को अपनी खबर में खुलासा किया है कि इस फोन के मात्र एक घंटे के
भीतर ही लेखी ने अपना आधिकारिक रुख बताने के लिए फोन किया. अखबार के अनुसार फोन पर
लेखी का कहना था कि उन्होंने यह ट्वीट किया ही नहीं. किसी ने किसी ने मेरे फोन का
गलत इस्तेमाल किया. और यह किसी की शरारत थी. कानून के बारे में मुझसे ज्यादा कौन
जानता है.
शनिवार को भी लेखी इस मामले में बैकफुट पर दिखीं और कहा कि ये उनके खिलाफ कांग्रेस
द्वारा की गई राजनीतिक साजिश है. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दिनों पहले उनके
जीमेल और फेसबुक अकाउंट को हैक कर लिया था.
गौरतलब है कि आईपीसी की धारा 228ए के तहत किसी भी रेप पीडित लड़की की पहचान जाहिर
करना दंडनीय अपराध है. इस मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग भी लेखी से रुष्ट दिख रहा
है और जल्द ही लेखी पर कार्रवाई की जा सकती है.
आयोग की सदस्या शमीना शफीक ने कहा है, "इसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. मीनाक्षी लेखी
अगर ऐसी गलतियां करेंगी तो हम किसकी बात करें. पता नहीं नेताओं को क्या हो गया है.
किसी महिला का घर कालिख से पोत दिया जाता है. कहीं कहा जाता है कि महिलाओं को नौकरी
नहीं मिलेगी. ऐसा कहना एक दंडनीय अपराध है. इसके लिए हम एक्शन लेंगे और पूछेंगे कि
उन्होंने ऐसा क्यों किया. "