विज्ञापन में भगत सिंह की गलत तस्वीर
विज्ञापन में भगत सिंह की गलत तस्वीर
नई दिल्ली 23 मार्च 2010
भारत सरकार और पंजाब सरकार द्वारा इस वर्ष शहीद दिवस 23 मार्च
को प्रकाशित करवाये गये विज्ञापनों में शहीद भगत सिंह की तस्वीर को पीली पगड़ी पहने
दिखाये जाने पर प्रोफेसर चमनलाल ने गहरी आपत्ति की है. भगत सिंह से संबंधित घटनाओं
पर शोध करने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चमनलाल का कहना है कि
जिस तरह से तस्वीरों में भगत सिंह को पीली पगड़ी पहने दिखाया गया है, वह गलत है.
चमनलाल ने कहा कि उन्होंने अब तक जितना भी शोध कार्य किया है, उसमें ऐसा कोई
साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो सके कि भगत सिंह ने युवावस्था में कभी
पीले रंग की पगड़ी पहनी.
चमनलाल ने कहा है कि भगत सिंह की अब तक चार विभिन्न प्रकार की तस्वीरें सामने आई
हैं. जिस तस्वीर में शहीद-ए-आजम सिर पर टोपी पहने दिखाई देते हैं, वह उनकी अंतिम
तस्वीर है. उनके अनुसार भगत सिंह ने यह तस्वीर गोरी हुकूमत के पब्लिक सेफ्टी और
ट्रेड डिस्प्यूट बिल के विरोध में केंद्रीय असेंबली यानी वर्तमान संसद भवन में बम
फेंकने से पहले खिंचवाई थी.
यह फोटो दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित एक स्टूडियो में खींची गई थी. चमनलाल का कहना
है कि भारतीय जनमानस और यहां तक कि पाकिस्तान में भी शहीद-ए-आजम का यही फोटो
सर्वाधिक लोकप्रिय है. कहना है कि भगत सिंह की यह अंतिम फोटो उस समय की है, जब वह
21 साल के थे. तीन अन्य तस्वीरों में से एक में भगत सिंह लाहौर में पुलिस हिरासत
में एक चारपाई पर बैठे दिखाई देते हैं. भगत सिंह की यह तस्वीर मई 1927 में उस समय
खींची गई जब वह 20 साल के थे. इस फोटो में भगत सिंह के हाथों में हथकड़ी है और
उन्होंने सिर पर पगड़ी नहीं पहन रखी है.
प्रोफेसर चमनलाल अनसार इससे पहले भगत सिंह की एक तस्वीर नेशनल कालेज लाहौर की है,
जिसमें वह 17 साल की उम्र में नाटक समूह के साथ कुर्ता-पायजामा और सफेद पगड़ी में
दिखाई देते हैं. भगत सिंह की सबसे पहली तस्वीर उस समय की है जब वह 11 साल के थे. यह
तस्वीर संभवत: उनके लायलपुर स्थित घर में खींची गई थी.