जीएसटी बिल लोकसभा में पेश हुआ
जीएसटी बिल लोकसभा में पेश हुआ
नई दिल्ली. 19 दिसंबर 2014
एकीकृत माल एवं सेवाओं का
हस्तांतरण सुनिश्चित करने और विविध करों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने
शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया. जीएसटी में
पूरे देश के लिए एक बिक्री कर का प्रस्ताव है, जिसमें राज्यों में लगने वाले अनेक
प्रकार के कर समा जाएंगे, जिससे निवेश बाधित हो रहा है.
इसके लिए संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने कहा कि इस कानून को बनाने का मकसद यह है कि पूरे देश में वस्तु एवं
सेवा बिना बाधा के स्थानांतरित हो. उन्होंने कहा कि यहां एक बैठक में राज्यों के
वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) के बीच लगभग सहमति बन गई है.
जेटली ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर राज्य का हित पूरा हो और किसी भी
राज्य की आय का एक रुपये का भी नुकसान न हो."
पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने जीएसटी पेश करने के लिए 2011 में
लोकसभा में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. राज्यों ने पांच साल तक
क्षतिपूर्ति की मांग की है और इसे विधेयक में शामिल करने की भी मांग की है.
इस विधेयक को कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित
होना होगा और देश के 29 राज्यों में से आधे की विधायिका में भी पारित होना होगा.
जीएसटी लागू होने से केंद्र और राज्यों के अनेक कर समाप्त हो जाएंगे और पूरो देश कर
के मामले में एक विशाल बाजार बन जाएगा, जिससे कारोबार फैलाने की सुविधा होगी और
जिसके कारण आपूर्ति श्रंखला मजबूत होगी.