बिहार: महागठबंधन को बहुमत, राजग की करारी हार
बिहार: महागठबंधन जीता,
राजग की करारी हार
पटना. 8 नवंबर 2015
बिहार
चुनाव में लालू प्रसाद तथा नीतीश कुमार के महागठबंधन ने रविवार को भाजपा नीत राजग
को करारी शिकस्त दे दी.
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उन्हीं
के नेतृत्व में राजग यह चुनाव लड़ रही थी. नीतीश कुमार को हर तरफ से, खासकर प्रमुख
विपक्षी पार्टियों के नेताओं की ओर से बधाई संदेश मिले हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा की बिहार में हार
"सहिष्णुता की जीत और असहिष्णुता की हार" है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल ने नीतीश की जीत को 'ऐतिहासिक' करार दिया.
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा नीत राजग की हार "मोदी के कार्यो और उनकी कार्यशैली के
खिलाफ जनादेश" है और चुनाव परिणाम से साबित हो चुका है कि घृणा की राजनीति को लोग
स्वीकार नहीं करेंगे.
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह चुनाव "आने वाले
भविष्य में देश के लिए बेहद अहम" साबित होगा.
नीतीश के साथ उप-मुख्यमंत्री रहे भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनकी
पार्टी 'रचनात्मक विपक्ष' की भूमिका निभाएगी. वहीं जद (यू) नेता पवन वर्मा ने मोदी
पर निशाना साधते हुए कहा, "यह नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की हार है."
अधिकतर एग्जिट पोल को झुठलाते हुए महागठबंधन ने 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में
178 सीटों पर जीत का परचम फहराया, जबकि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन
(राजग) के हिस्से सिर्फ 58 सीटें आई हैं.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) को 71, पूर्व
मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 80 और कांग्रेस को
27 सीटों पर जीत मिली है.
नीतीश कुमार ने जीत के बाद अपने पहले संबोधन में कहा, "यह बहुत बड़ी जीत है. हम इसे
पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं. राष्ट्रीय दृष्टिकोण से इस चुनाव परिणाम का
बहुत महत्व है."
पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के निशाने पर रहे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद
जीत से कहीं अधिक आह्लादित और हमलावर दिखाई दिए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का प्रचारक कहा और भाजपा नीत केंद्र
सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़ने का संकल्प लिया.
लालू ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी को राज्य में भले सर्वाधिक सीटें मिली हैं, लेकिन
नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
भाजपा के हिस्से में 53 सीटें आई हैं, जबकि उसकी तीनों सहयोगी पार्टियां लोक
जनशक्ति पार्टी (लोजपा), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा
(धर्मनिरपेक्ष) मिलकर पांच सीटें जीत सकी हैं.
केंद्र सरकार में राजग के घटक दल शिवसेना ने कहा कि भाजपा को यह स्वीकार कर लेना
चाहिए कि यह हार उन्हें मोदी के कारण मिली है. नीतीश कुमार को 'राजनीति के नायक' की
संज्ञा देते हुए शिवसेना ने कहा कि बिहार चुनाव "देश के राजनीतिक भविष्य को नया
मोड़" देने वाला साबित होगा.