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एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ दिल्ली सरकार

नई दिल्ली. 13 मार्च 2020. बीबीसी
 

kejri

दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ सदन में एक प्रस्ताव पास किया जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से एनपीआर और एनआरसी को रोकने की अपील की.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह प्रस्ताव विधानसभा में रखा था जिसपर चर्चा में हिस्सा लेते हुए केजरीवाल ने केंद्र सरकार से कई सवाल किये.

उन्होंने कहा कि 'कोरोना वायरस की वजह से देश चिंता में है और अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हो चुका है, फिर इन समस्याओं को किनारा कर सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर ज़ोर क्यों दिया जा रहा है.'

केजरीवाल ने कहा कि वे एनपीआर और एनआरसी को दिल्ली में लागू नहीं होने देंगे.

दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि 'राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा था कि मेरी सरकार एनआरसी लाएगी. गृह मंत्री ने भी कहा है. 2010 में एनपीआर हुआ, अब क्यों विवाद है. विवाद इसलिए है क्योंकि गृह मंत्री ने कहा कि वे पहले सीएए लागू करेंगे, फिर एनपीआर और फिर एनआरसी. ये क़ानून पाकिस्तान के हिंदुओं के लिए है या अपने देश के हिंदुओं के ख़िलाफ़ है, समझ से परे है. क़ागज़ नहीं दिखाने पर डिटेंशन केंद्र भेजने की बात करते हैं.'

केजरीवाल ने कहा, "बोला जा रहा है कि दस्तावेज़ नहीं मांगे जाएंगे. एनपीआर में जानकारी होगी और उसके बाद एनआरसी होगा. एनआरसी तो केंद्र करेगी ही. एनआरसी में दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे. फिर कहते हैं सिर्फ़ एक ही दस्तावेज मांगेंगे. वो होगा किसी सरकारी एजेंसी की ओर से जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र. मेरे पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. विधानसभा में 70 विधायक हैं, पर सिर्फ़ 9 विधायकों ने कहा है कि उनके पास जन्म प्रमाण-पत्र है. विधानसभा स्पीकर के पास भी नहीं है. तो क्या मुझे और पूरी कैबिनेट को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा."

उन्होंने केंद्र सरकार के मंत्रियों को चुनौती देते हुए कहा, "अगर उनके पास सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया हुआ जन्म प्रमाण पत्र हैं तो वे दिखाएं."

 


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