रेल हादसे के लिये माओवादी जिम्मेवार
रेल हादसे के लिये माओवादी जिम्मेवार
कोलकाता. 28 मई 2010
पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में हावड़ा से मुंबई जा रही हावड़ा-कुर्ला लोकमान्य तिलक
ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस-2102 के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे लालगढ़ में
सक्रिय रहे माओवादी समर्थक पीपुल्स कमेटी अगेन्स्ट पुलिस एट्रोसिटीज नामक संगठन को
जिम्मेवार बताया जा रहा है. राज्य के पुलिस महानिदेशक ने दावा किया है कि घटनास्थल
पर पीसीपीए के दो पोस्टर मिले हैं, जिससे इस बात की पुष्टि हुई है. इस संगठन के
संयोजक और पूर्व में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता छत्रधर महतो को पुलिस पिछले साल
26 सितंबर को गिरफ्तार कर चुकी है.
जंगलमहल यानी बांकुड़ा, पुरूलिया और पश्चिम मिदनापुर के जंगली इलाके में मजबूत माने
जाने वाले पीपुल्स कमेटी अगेन्स्ट पुलिस एट्रोसिटीज के साथ माओवादियों ने अपना कोई
भी रिश्ता होने से लगातार इंकार किया है लेकिन बाद में माओवादी नेता किशन ने ही
मीडिया को यह जानकारी दी कि पीसीपीए ने पुलिस और सरकार से लड़ने के लिये सिधू-कानू
जन मिलिशिया का गठन किया है और उसे प्रशिक्षण देने का निर्णय सीपीआई माओवादी ने
लिया है. किशन का दावा था कि यह निर्णय आम जनता की सुरक्षा के लिये लिया गया है.
ज्ञात रहे कि पिछले साल अक्टूबर में भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस मिदनापुर
जिले में ही बंधक बना लिया गया था. पश्चिमी मिदनापुर के झारग्राम और बांसतला के बीच
ट्रेन को रोका गया था. पहले आशंका जताई गई थी कि अपहरण माओवादियों ने किया है.
लेकिन, बाद में पीसीपीए ने दावा किया था कि ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को उसने अगवा
किया है. पीसीपीए उनके नेता छत्रधर महतो को छोडने की मांग कर रहा था.
छत्रधर महतो तृणमूल कांग्रेस का ही कार्यकर्ता था. पीसीपीए की बैठकों में मंच पर
छत्रधर महतो के साथ ममता बनर्जी भी शामिल रही हैं. छत्रधर महतो का छोटा भाई माओवादी
है. बीच में कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने वाले 48 साल के छत्रधर महतो का साल के पत्तों का
कारोबार है. लालगढ़ आंदोलन के बाद छत्रधर महतो पुलिस के निशाने पर था, जिसे 26
सितंबर 2009 को गिरफ्तार कर लिया गया.